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स्वस्थ-शिशु का चेकअप: 6 महीने

6 महीने के चेकअप पर, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता आपके शिशु की परीक्षा करेगा। वह पूछेगा कि घर में चीज़ें कैसी चल रही हैं। इस शीट में ऐसी कुछ बातों का वर्णन किया गया है कि आप क्या अपेक्षा कर सकते हैं।

विकास और माइलस्टोन्स

स्वास्थ्य सेवा प्रदाता आपके बच्चे के बारे में सवाल पूछेगा। वह आपके शिशु को उसके विकास का अंदाजा लगाने के लिए देखेगा/गी। इस मुलाक़ात तक, अधिकांश शिशु:

  • परिचित लोगों को जानते हैं

  • पेट से पीठ की ओर लुढ़कते हैं

  • बैठते समय सहारे के लिए हाथों पर झुकते हैं

  • दूसरों द्वारा किए गए शब्दों या शोर की प्रतिक्रिया में बड़बड़ाते और हँसते हैं

  • खिलौना पकड़ने के लिए ज़ोर लगाते हैं।

  • चीज़ों को जानने (एक्सप्लोर करने) के लिए अपने मुँह में डालते हैं

  • जब वे अधिक खाना नहीं चाहते हैं तो होंठों को बंद कर लेते हैं

साथ ही, कुछ बच्चों के 6 महीने में दाँत निकलने लगते हैं। यदि दाँत निकलने के बारे में आपके प्रश्न हैं तो स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से पूछें। 

फीडिंग के सुझाव

ऊँची कुर्सी में फीड किया जा रहा बच्चा।
एक बार जब आपके बच्चे को ठोस खाने की आदत हो जाती है तो हर कुछ दिनों में नए भोजन की शुरुआत की जाए।

अपने बच्चे की अच्छी तरह से खाने में मदद करने के लिए:

  • अपने शिशु के आहार में ठोस खाद्य पदार्थों को शामिल करना शुरू करें। पहले-पहल, ठोस पदार्थ आपके शिशु के नियमित स्तनपान या फार्मूला फीडिंग की जगह नहीं लेंगे।

  • इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि पहले ठोस खाद्य पदार्थ क्या हैं। ऐसी कोई वर्तमान शोध नहीं है जो कहती हो कि ठोस खाद्य पदार्थों को किसी भी क्रम में शुरू करना आपके शिशु के लिए बेहतर है। आमतौर पर, सिंगल-ग्रेन अनाज पहले दिया जाता है। किन्तु एकल-घटक छनी हुई या कुचली हुई सब्ज़ियाँ या फल भी ठीक हैं।

  • पहली बार ठोस पदार्थ देते समय, इसके साथ एक कटोरे में थोड़ी मात्रा में स्तन का दूध या फार्मूला मिलाएँ। मिलाए जाने पर इसका टेक्सचर सूप जैसा होना चाहिए। इसे अपने शिशु को चम्मच से खिलाएँ। ऐसा पहले 1 से 2 सप्ताह तक दिन में एक बार करें।

  • घर का बना या स्टोर से खरीदा हुआ शिशु आहार जैसा एकल-घटक खाद्य पदार्थ देते समय, एक बार में भोजन का एक नया स्वाद दें। आप हर 3 से 5 दिनों में एक नया स्वाद आज़मा सकते हैं। प्रत्येक नए भोजन के बाद, एलर्जी की प्रतिक्रिया पर नज़र रखें। उनमें दस्त, दाने या उल्टी शामिल हो सकती हैं। यदि आपके शिशु को इनमें से कोई भी हो तो वह खाना देना बंद कर दें। अपने शिशु के स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करें।

  • 6 महीने की उम्र तक, अधिकांश स्तनपान करने वाले शिशुओं को आयरन और जिंक के अतिरिक्त स्रोतों की आवश्यकता होगी। आपके शिशु को मांस से बने शिशु आहार से लाभ मिल सकता है। इसमें आयरन और जिंक के स्रोत होते हैं जो आपके शिशु के शरीर द्वारा अधिक आसानी से अवशोषित कर लिए जाते हैं।

  • पहले 3 से 4 सप्ताह तक दिन में 1 बार ठोस आहार दें। उसके बाद, ठोस पदार्थों को दिन में 2 बार बढ़ाएँ। साथ ही अपने शिशु को पहले की तरह उतना ही स्तन का दूध या फॉर्मूला दूध पिलाती रहें।

  • मूँगफली और अंडे जैसे कुछ खाद्य पदार्थों में एलर्जी की प्रतिक्रिया का उच्च जोखिम होता है। किन्तु विशेषज्ञ इन खाद्य पदार्थों को 4 से 6 महीने की उम्र तक शुरू करने की सलाह देते हैं। इससे शिशुओं और बच्चों में खाद्य एलर्जी का जोखिम कम हो सकता है। यदि आपका शिशु अन्य सामान्य खाद्य पदार्थों (अनाज, फल और सब्ज़ियों) को सहन कर लेता है तो आप ऐसे खाद्य पदार्थ देना शुरू कर सकते हैं जिनसे एलर्जी की प्रतिक्रिया हो सकती है। हर 3 से 5 दिन में 1 नया खाना दें। यह इस बात को दर्शाने में सहायता करता है कि क्या कोई भोजन किसी एलर्जी संबंधी प्रतिक्रिया का कारण बनता है। 

  • स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से पूछें कि क्या आपके बच्चे को फ्लोराइड अनुपूरकों की ज़रूरत है।

स्वच्छता से संबंधित सुझाव

  • ठोस पदार्थ खाना शुरू करने के बाद आपके शिशु का मल बदल जाएगा। यह गाढ़ा, काला, और बदबूदार हो सकता है। यह सामान्य है। यदि आपके कोई प्रश्न हैं तो चेकअप के दौरान पूछें।

  • स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता से पूछें कि आपके शिशु की पहली दंत मुलाक़ात कब होनी चाहिए।

सोने से संबंधित सुझाव

6 महीने की उम्र में, बच्चा रात में बिना जागे 8 से 10 घंटे तक सो सकता है। किन्तु इस उम्र के कई शिशु अभी भी रात में 1 या 2 बार जागते हैं। यदि आपका शिशु अभी तक पूरी रात नहीं सो रहा है तो सोने के समय का रूटीन रखने से सहायता मिल सकती है (नीचे देखें)। अपने बच्चे को सुरक्षित और गहरी नींद लेने में मदद करने के लिए:

  • जब तक शिशु 1 वर्ष का न हो जाए, तब तक अपने शिशु को उसकी पीठ के बल सुलाएँ। सोने के लिए किसी दृढ़, सपाट सतह का उपयोग करें। इससे SIDS (अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम) का जोखिम कम हो सकता है। इससे तरल पदार्थ को साँस के साथ अंदर लेने और साँस घुटने का जोखिम कम हो जाता है। अपने शिशु को सोने या झपकियाँ लेने के लिए कभी भी करवट या पेट के बल न लिटाएँ। यदि आपका शिशु जाग रहा है तो शिशु को उसके पेट के बल तब तक लिटाएँ, जब तक कि वह पर्यवेक्षण में है। यह मज़बूत पेट और गर्दन की मांसपेशियाँ बनने में बच्चे की सहायता करता है। इससे सिर के चपटे होने को कम करने में भी सहायता मिलेगी। ऐसा तब हो सकता है जब शिशु अपनी पीठ के बल बहुत अधिक समय बिताते हैं।

  • पालना में कोई क्रिब बम्पर, तकिया, खुले कंबल या स्टफ्ड जानवर न रखें। ये शिशु का दम घोंट सकते हैं।

  • सोने के लिए अपने बच्चे को सोफे या हत्थेदार कुर्सी पर न रखें। सोफे या हत्थेदार कुर्सी पर सोना शिशु को SIDS सहित, मौत के बहुत अधिक जोखिम में डालता है।

  • रूटीन की नींद और रोज की झपकियों के लिए इन्फेंट सीट, कार सीट, स्ट्रौलर, इन्फेंट कैरियर, या इन्फेंट स्विंग्स का उपयोग न करें। इनसे बच्चे का वायुमार्ग अवरुद्ध हो सकता है या बच्चे का दम घुट सकता है।

  • अपने बच्चे के साथ बिस्तर (साथ सोना) साझा न करें। बेड-शेयरिंग को SIDS के जोखिम को बढ़ाने बाला दर्शाया गया है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की सलाह है कि शिशु अपने माता-पिता के बिस्तर के करीब, अपने माता-पिता के कमरे में ही सोएँ, किन्तु शिशुओं के लिए उपयुक्त एक अलग बिस्तर या पालना में। इस सोने के सेटअप की सलाह आदर्श रूप से शिशु के पहले वर्ष के लिए दी जाती है। किन्तु इसे कम से कम पहले 6 महीने तक बनाए रखना चाहिए।

  • क्रिब, बैसनेट्स और प्ले यार्ड्स को हमेशा बिना किसी खतरे वाले एरिया में लगाएँ। यह गला घोंटने के जोखिम को कम करने के लिए है। यह सुनिश्चित करें कि कोई झूलने वाले कॉर्ड्स, तार या खिड़की के आवरण न हों।

  • बोतल के साथ पालना में अपने बच्चे को न रखें।

  • इस उम्र में, कुछ माता-पिता अपने बच्चों को सोने के लिए खुद रोने देते हैं। यह एक व्यक्तिगत पसंद है। आप स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ इस पर चर्चा करना चाह सकते हैं।

सोने का समय सेट करना

आपका बच्चा अब रात में सोने के लिए काफी बड़ा हो गया है। रात भर सोना एक ऐसा कौशल है जिसे सीखने की आवश्यकता है। सोने के समय का एक रूटीन मदद कर सकता है। हर रात एक ही चीज़ को करके, आप अपने शिशु को सिखाते हैं कि सोने का समय कब है। हो सकता है कि आपको तुरंत परिणाम दिखाई न दें। किन्तु इस पर टिके रहें। समय के साथ, आपका बच्चा सीख जाएगा कि बिस्तर पर जाने का समय नींद लेने का समय है। ये सुझाव मदद कर सकते हैं:

  • अपने बच्चे के साथ बिस्तर की तैयारी को एक विशेष समय बनाएँ। प्रत्येक रात को रूटीन वही रखें। बिस्तर पर जाने का समय चुनें और प्रत्येक रात इस पर बने रहने का प्रयास करें।

  • सोने से पहले रिलैक्सिंग गतिविधियाँ करें, जैसे कि एक शांत स्नान के बाद एक बोतल।

  • अपने शिशु को गाना सुनाएँ या सोने के समय कोई कहानी सुनाएँ। भले ही आपका बच्चा समझने के लिए बहुत छोटा हो, तब भी आपकी आवाज़ आरामदायक होगी। ठहराव, शांत स्वरों में बोलें।

  • अपने शिशु को पालने में रखने के लिए उसके सोने तक प्रतीक्षा न करें। रूटीन के हिस्से के रूप में उन्हें जगा हुआ ही रख दें।

  • बेडरूम को अँधेरा और शांत रखें। सुनिश्चित करें कि यह बहुत गर्म या बहुत ठंडा नहीं है। सुखदायक संगीत या समुद्र की लहरों जैसी विश्राम देने वाली आवाज़ों की रिकॉर्डिंग चलाएँ। ये आपके शिशु की सोने में सहायता कर सकते हैं।

सुरक्षा से संबंधित सुझाव

  • अपने बच्चे को ऐसी किसी भी छोटी चीज़ को न पकड़ने दें जो दम घोंट सकती हो। इसमें खिलौने, ठोस खाद्य पदार्थ और फर्श पर मौजूद ऐसी चीज़ें शामिल हैं जो आपके शिशु को रेंगते समय मिल सकती हैं। एक नियम के रूप में, टॉयलेट पेपर ट्यूब के अंदर फिट होने के लिए पर्याप्त कोई छोटी चीज़ बच्चे का दम घोंट सकती है।

  • अपने बच्चे को ज़्यादातर समय धूप से दूर रखना अभी भी सबसे अच्छा है। अपने शिशु को निर्देशानुसार सनस्क्रीन लगाएँ।

  • कार में, अपने बच्चे को हमेशा रीयर-फेसिंग कार सीट में रखें। इसे पिछली सीट पर सुरक्षित किया जाना चाहिए। कार सीट के साथ आने वाले निर्देशों का पालन करें। अपने बच्चे को कार में कभी भी अकेला न छोड़ें।

  • अपने शिशु को टेबल, बिस्तर या काउच जैसी ऊँची सतह पर न छोड़ें। आपका बच्चा गिर सकता है और चोटिल हो सकता है। जब आपका शिशु जान लेता है कि कैसे लुढ़कना है तो इसकी संभावना और भी अधिक बढ़ जाती है।

  • ऊँची कुर्सी का उपयोग करते समय अपने शिशु को हमेशा पट्टे में बाँधे।

  • जल्द ही आपका शिशु रेंगने लगेगा, इसलिए सुनिश्चित करें कि आपका घर चाइल्डप्रूफ है। कैबिनेट के दरवाजों पर बेबीप्रूफ कुंडी लगाएँ और सभी बिजली के आउटलेट को ढक दें। चीज़ों को पकड़ने और खींचने से शिशुओं को चोट लग सकती है। उदाहरण के लिए, आपका शिशु मेज़पोश या डोरी को खींच सकता है और कठोर वस्तुओं से टकरा सकता है। इससे बचने के लिए, ऐसे किसी भी क्षेत्र की सुरक्षा जाँच करें जहाँ आपका शिशु समय बिताता है।

  • बड़े भाई-बहन तब तक बच्चे को पकड़ और उसके साथ खेल सकते हैं जब तक कि कोई वयस्क देखरेख करता है।

  • पहियों वाले वॉकर की सलाह नहीं दी जाती है। स्थिर (न चलने वाले) गतिविधि स्टेशन ज़्यादा सुरक्षित हैं। यदि आपके इस बारे में सवाल हैं कि आपके बच्चे के लिए कौन से खिलौने और उपकरण सुरक्षित हैं तो स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करें।

टीके

CDC की अनुशंसाओं के आधार पर, इस मुलाक़ात पर आपके शिशु को निम्नलिखित टीके मिल सकते हैं:

  • डिप्थीरिया, टेटनस, और पर्टुसिस

  • हीमोफिलस इन्फ्लुएंज़ा टाइप b

  • हेपेटाइटिस B

  • इन्फ्लुएंज़ा (फ्लू)

  • न्यूमोकोकस

  • पोलियो

  • रोटावायरस

  • COVID-19

  • रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV) मोनोक्लोनल एंटीबॉडी

अपने शिशु के स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से पूछें कि इस मुलाकात में कौन से टीकों की सलाह दी जाती है। अपने बच्चे का पूरी तरह से टीकाकरण करवाने से आपके बच्चे के SIDS के खतरे को कम करने में भी मदद मिलेगी।

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